moksha@nirvana:~$
Sunday, June 29, 2008
Ok , this is my command prompt of my newly installed ubuntu 8.04 OS.
My computer name is nirvana and user name is moksha :-)
The user message you will get at login screen is
To err is human, to really foul up things you need root password
It has been a week and i am loving Hardy Heron, there are couple of glitches still though, like my wireless internet connection is not working, though wired connection is working. Doing RnD on my wireless n/w card.
One question to the readers, if any one can throw some light on that.
The hindi fonts on Ubuntu are not so polished as were in windows (or is it to do between FF and IE)? Any suggestion how to improve them.
Posted by :ubuntu at 10:02:00 AM 2 comments
GameKnot
Monday, June 16, 2008
I have recently registered on gameknot.com.
It is a great site to play online chess (and only chess) . The registered users here are huge, as a result the game database available is immense.
The ratings are done using ELO system. Its almost like playing professionally.
The best part is that the time given per move is 3 days. So people with jobs can also play the games at leisure.
I am adding to my blog the daily chess puzzle published by gameknot.
Hope you will like it.
If anyone of my reader joins the site and wants to play a game with me, my gameknot user id is iubuntu.
You can search for a user on the site and challenge him to a game.
Posted by :ubuntu at 8:09:00 PM 1 comments
Labels: chess, gameknot.com
Inspiring Ads
I found these ads on youtube.
The first one is inspiring.
The second one is funny and an eye opener to all parents
Posted by :ubuntu at 7:18:00 PM 1 comments
Labels: indian ads
यह मौसम का जादू है मितवा
Wednesday, June 11, 2008
पिछले कुछ महीनों से मैंने इस ब्लॉग पर कुछ लिखा नहीं , मेरा मतलब है कुछ व्यागतिगत।
और हिन्दी में तो बिल्कुल नहीं लिखा ।
पिछला हफ्ता काफ़ी मसरूफ रहा । अब भी हालात कुछ अच्छे नहीं हैं , पर आज मौसम से जादू कर दिया ।
यहाँ charlotte ( संधि विछेद करें तो बनता है चार लोटे) में गर्मी शुरू हो गई है , दिन भर तापमान ९० - १०० डिग्रीफारेनहाइट रहता है , आज शाम अचानक बादल घुमड़ आए और इस समय काफ़ी तेज बरसात हो रही है । ऐसे ही मौसम ने मुझे प्रेरित किया की मैं काम छोड़ कर बाहर बालकनी मैं बैठ कर मौसम का आनंद लूँ , ऐसे सुहाना मौसम कम ही देखने को मिलता है , तो जनाब आलम यह है की मैं अभी बालकनी मैं हूँ , ब्लॉग लिख रहा हूँ और रोमांटिक गाने सुन रहा हूँ - "जब कोई बात बिगड़ जाए ... , कुछ तुम सोचो कुछ हम सोचें ... , कहना है -२ आजतुमसे ..." इत्यादी ।
मेरे कुछ दोस्त हिन्दी में ब्लॉग लिख रहे तो मैंने सोचा चलो हम भी थोड़ा रूमानी हो जाएँ ।
अरे याद आया मैं यह फ़िल्म ( आओ थोड़ा रूमानी हो जाएँ) भी ढूँढ रहा हूँ इंटरनेट पर , यह भी तो बारिश पर ही थी ना ।
मैंने यह गौर किया है की मेरा मूड मौसम से भी प्रभावित होता है ( नयी बात नहीं है , सबका होता है) । जब मैंने देहरादून छोडा और नॉएडा आया कॉलेज में, तो मौसम से बहुत निराश हुआ , उस मौसम की आदत नहीं थी , फिर एक दिन मेरे दिन फिरे और मुझे वैसा मौसम देखने को मिला जैसे देहरादून में अक्सर होता था , घंने बादल , ठंडी हवा पर बारिश नहीं , ऐसा मौसम हम दोस्तों के बीच " डडू वाला मौसम " के नाम से जाना गया। उस दिन मैंने कॉलेज में पढ़ाई नहीं करी , बस बाहर ही घूमता रहा।
इन दिनों मैं हरिवंश राय बच्चन की मधुबाला, ना कि मधुशाला (बहुत लोगों को नहीं पता पर मधुबाला भी इन की एक रचना है) पढ़ रहा हूँ , पर मम्मी चिंता मत करो मैंने पीनी शुरू नहीं करी ।
बस यही ताज़ा ख़बर है दुनिया के इस कोने से , आगे और लिखूंगा अगर कुछ बताने लायक हुआ (अब यह मत कहना बताने लायक तो यह भी नहीं था)
तो जी मैं चला चाय के एक अदद प्याले की तलाश में (मेरे लिए तो यह ही मय के बराबर है )
अब मुझे नहीं पता अदद शब्द का अर्थ क्या है पर काफ़ी बार सुना है और यहाँ पर उपयोग करना उचित लगा ।
और इंटरनेट पर अदद शब्द का अर्थ ढूढने पर नहीं मिला पर यह शैर ज़रूर मिलातुम काली हो ये फरीश्तों कि भूल है।
वो तिल लगा रहे थे कि स्याही बिख़र गयी।
शरद जोशी की एक कविता बहुत पसंद आई मुझे , शीर्षक है हिरोइन नहा रही है ।
इंटरनेट एक्सप्लोरर पर देखे , फायरफॉक्स पर शायद न खुले
मैं इनका बहुत बड़ा पंखा हूँ, इनकी अन्ये रचनायें भी देखियेगा।
Posted by :ubuntu at 6:36:00 PM 8 comments
Labels: retro
Goosh.org
Tuesday, June 3, 2008
I am loving it, a cool idea implemented
goosh.org is an unofficial Google search engine on command line ... no GUI.
You can type search strings on cmd line and it will give you results .
Give it a shot.
Posted by :ubuntu at 10:46:00 PM 3 comments
Labels: goosh.org
Amazing flash animation
I came through this link . It shows 9 amazing flash animation. All are cool.
http://www.bspcn.com/2008/06/03/9-mind-blowing-flash-animations/
My fav is number 9
Posted by :ubuntu at 6:49:00 PM 2 comments
The science lover in Me
Sunday, June 1, 2008
speed of light = sqrt(magnetic constant*electric constant)
The exact values of these constants are known which makes speed of light a exact number.
6. What makes the absolute zero temperature the lowest achievable temperature? What happens to the substance at absolute zero?
7. How is matter just being created from nowhere,universe is ever expanding, is there so much energy still left in universe which is getting converted to matter?
I will leave my list of questions here. Hoping that some one might throw some light on these.
A trivia: A voting was conducted to choose two most important mathematical equations. Top two finalists were:
1. Pythagoras Theoram :
2. Equation of relativity : E = mc2
Posted by :ubuntu at 1:33:00 PM 7 comments